चन्द्रे ताराव्यूहज्ञानम् ।। 27 ।।
शब्दार्थ :- चन्द्रे ( चन्द्रमा अथवा चाँद में संयम करने से ) तारा ( सभी तारों की ) व्यूह ( स्थिति अथवा जगह का ) ज्ञानम् ( ज्ञान हो जाता है )
सूत्रार्थ :- चन्द्रमा अथवा चाँद में संयम करने से सभी तारों की स्थिति की जानकारी हो जाती है ।
व्याख्या :- इस सूत्र में चन्द्रमा में संयम करने से प्राप्त होने वाली विभूति का वर्णन किया गया है ।
जब योगी चन्द्रमा में संयम करता है तो उसको सभी तारों की स्थिति अर्थात उनकी जगह का पता चल जाता है । कि कौन सा तारा कहाँ पर स्थित है । चन्द्रमा सभी सितारों का प्रतिनिधित्व करता है । जिस प्रकार घर का एक मुखिया होता है । ठीक वैसे ही चन्द्रमा भी सभी तारों का मुखिया होता है । तारे असंख्य होते हैं । उनको गिना नहीं जा सकता । और न ही उन सभी में संयम कर पाना संभव है ।
इसलिए सभी तारों के मुखिया चन्द्रमा में संयम करने योगी को सभी तारों की स्थिति की सही जानकारी हो जाती है ।
उदाहरण स्वरूप :- लोकतन्त्र में देश के सभी मन्त्रियों में एक प्रधान होता है । जिसे प्रधानमंत्री कहते हैं । उसके बाद उसके सहयोग के लिए अलग-अलग मन्त्री होते हैं । उन सभी मन्त्रियों का संचालन व नियंत्रण प्रधानमंत्री द्वारा ही होता है । केवल प्रधानमंत्री द्वारा ही हमें सभी मन्त्रियों के मन्त्रालय व उनके कार्यों की जानकारी प्राप्त हो जाती है । इसके लिए उन सभी मन्त्रियों के बारे में अलग – अलग रूप से जानने की आवश्यकता नहीं रहती ।
ठीक इसी प्रकार चन्द्रमा में संयम करने से योगी को सभी तारों की स्थिति की जानकारी प्राप्त हो जाती है ।
अब यहाँ पर यह बात आती है कि इससे पहले वाले सूत्र में कहा गया है कि सूर्य में संयम करने से सभी लोकों का ज्ञान हो जाता है । अगर यह बात सही है तो फिर चन्द्रमा में संयम की क्या आवश्यकता है ? इसका उत्तर यह है कि सूर्य के प्रभाव में अन्य नक्षत्रों का भली-भाँति ज्ञान नहीं हो पाता । उसकी विशेष जानकारी प्राप्त करने के लिए तो चन्द्रमा में ही संयम करना पड़ता है ।
जैसे– प्रधानमंत्री को सभी मन्त्री व उनके मंत्रालयों का तो पता होता है । लेकिन यदि वह किसी एक मंत्रालय के बारे में विशेष जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो उसके उन्हें उस विभाग के मन्त्री के द्वारा ही सही जानकारी प्राप्त हो सकती है ।
इसलिए सूर्य में संयम करने से सभी लोकों की जानकारी तो हो जाती है । लेकिन किसी एक विशेष की जानकारी तो उसके मुखिया द्वारा ही प्राप्त हो सकती है । तभी तारों की स्थिति की जानकारी के लिए चन्द्रमा में संयम की बात कही गई है ।
Thanku sir??
Superb, detailed description.
Thankx sir
Guru ji nice explain about benefit of concentration in moon.
Pranaam Sir! ??thank you for this elobrate explanation
nice
ॐ गुरुदेव*
चन्द्रमा में संयम की उत्तम व्याख्या की है आपने
अस्तु आपको हृदय
ॐ गुरुदेव*
चन्द्रमा में संयम की उत्तम व्याख्या की है आपने
अस्तु आपको हृदय से धन्यवाद।
??प्रणाम आचार्य जी! सुन्दर सूत्र! आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ! ओम राम! ???