सोलहवां अध्याय ( दैवासुर सम्पद् विभागयोग ) जिस प्रकार नाम से ही विदित होता है कि इस अध्याय में दैवी व आसुरी प्रवृत्ति वाले व्यक्तियों के लक्षणों का वर्णन किया गया है । इसमें कुल चौबीस ( 24 ) श्लोकों के द्वारा दैवी व आसुरी शक्तियों का वर्णन किया गया है । इसमें पहले …
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- Category: Bhagwad Geeta – 16