नौवां अध्याय ( राजविद्या- राजगुह्ययोग ) इस अध्याय में कुल चौतीस ( 34 ) श्लोकों के द्वारा राजगुह्य योग विद्या का वर्णन किया गया है । राजगुह्य योग की उपयोगिता को बताते हुए श्रीकृष्ण कहते हैं कि इस योग को जानने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है । इसे सभी विद्याओं का …
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- Category: Bhagwad Geeta – 9