गुणानेतानतीत्य त्रीन्देही देहसमुद्भवान्‌ ।

जन्ममृत्युजरादुःखैर्विमुक्तोऽमृतमश्नुते ।। 20 ।।

 

 

व्याख्या :-  जो पुरुष शरीर में उत्पन्न तीनों गुणों से रहित होकर अथवा इन तीनों गुणों का आश्रय लिए बिना ही व्यवहार करता है, वह जन्म, मृत्यु और बुढ़ापा आदि दुःखों से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त कर लेता है ।

 

 

 

विशेष :- 

  • तीनों गुणों से रहित होने पर पुरुष को क्या प्राप्त होता है ? उत्तर है – जन्म- मरण, बुढ़ापा आदि दुःखों से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करता है ।

 

 

अर्जुन उवाच

 

गुणातीत के लक्षण, व्यवहार और गुणातीत का अभाव ?

 

कैर्लिङ्‍गैस्त्रीन्गुणानेतानतीतो भवति प्रभो ।

किमाचारः कथं चैतांस्त्रीन्गुणानतिवर्तते ।। 21 ।।

 

 

 

व्याख्या :- अर्जुन कहता है – हे प्रभो ! इन तीनों गुणों से युक्त पुरुष में कौन – कौन से लक्षण पाए जाते हैं और वह किस प्रकार का व्यवहार करते हैं तथा इन तीनों गुणों से पार जाने का उपाय क्या है ?

 

 

श्रीभगवानुवाच

 

गुणातीत के लक्षण और व्यवहार –

 

प्रकाशं च प्रवृत्तिं च मोहमेव च पाण्डव ।

न द्वेष्टि सम्प्रवृत्तानि न निवृत्तानि काङ्‍क्षति ।। 22 ।।

उदासीनवदासीनो गुणैर्यो न विचाल्यते ।

गुणा वर्तन्त इत्येव योऽवतिष्ठति नेङ्‍गते ।। 23 ।।

समदुःखसुखः स्वस्थः समलोष्टाश्मकाञ्चनः ।

तुल्यप्रियाप्रियो धीरस्तुल्यनिन्दात्मसंस्तुतिः ।। 24 ।।

मानापमानयोस्तुल्यस्तुल्यो मित्रारिपक्षयोः ।

सर्वारम्भपरित्यागी गुणातीतः सा उच्यते ।। 25 ।।

 

 

 

व्याख्या :- भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं – हे पाण्डव ! जो पुरुष प्रकाश ( सत्त्वगुण ), प्रवृत्ति ( रजोगुण ) और मोह ( तमोगुण ) के प्राप्त होने पर इनसे द्वेष नहीं करता और न मिलने पर इनकी आकांक्षा अथवा इच्छा नहीं रखता –

 

जो तटस्थ भाव से स्थिर होकर इन गुणों के प्रभाव से कभी विचलित नहीं होता और इन गुणों को अपने स्वभाव के अनुसार ही व्यवहार करने वाले मानकर बिना विचलित हुए परमात्मा में स्थित रहता है –

 

जो पुरुष सुख- दुःख में समान है, स्वस्थ है, मिट्टी व सोना जिसके लिए समान है, प्रिय और अप्रिय ( अच्छे व बुरे ) जिसके लिए एक समान हैं, जो निन्दा व स्तुति ( बुराई व बड़ाई ) करने पर एक समान रहता है, जो धैर्यवान है –

 

 

जिसके लिए मान- अपमान दोनों एक तुल्य ( बराबर ) हैं, जो मित्र व शत्रु दोनों के प्रति समान भाव रखता है और जो अपने आप को सभी कर्मों के कर्तापन से रहित मानता है, वही पुरुष गुणातीत होता है ।

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