आत्मा की अमरता / विशेषताएँ
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः ।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ॥ 23 ।।
अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च ।
नित्यः सर्वगतः स्थाणुरचलोऽयं सनातनः ॥ 24 ।।
अव्यक्तोऽयमचिन्त्योऽयमविकार्योऽयमुच्यते ।
तस्मादेवं विदित्वैनं नानुशोचितुमर्हसि ॥ 25 ॥
व्याख्या :- इस आत्मा को कोई भी शस्त्र काट नहीं सकता, आग इसे जला नहीं सकती, जल इसे गीला नहीं कर सकता और वायु इसे सुखा नहीं सकती ।
क्योंकि यह आत्मा अच्छेद्य ( जिसे किसी भी शस्त्र द्वारा काटा न जा सके ), अदाह्य ( जिसे अग्नि द्वारा भी जलाया न जा सके ), अक्लेद्य ( जिसे जल द्वारा भी गीला न किया जा सके ) और अशोष्य ( जिसे वायु द्वारा भी न सुखाया जा सके ) है । यह नित्य ( सदैव रहने वाली ), सर्वव्यापी ( सभी जगह रहने वाला ), स्थिर, अचल, व सनातन ( जो अनादि काल से चला आ रहा हो ) है ।
आत्मा अव्यक्त अर्थात् जिसे साक्षात रूप से देखा नहीं जा सकता, अचिन्त्य अर्थात् जिसे मन द्वारा भी नहीं जाना जा सकता, अविकार्य अर्थात् जो सभी विकारों से रहित है । इसलिए आत्मा के इस स्वरूप को जानकर इसके लिए शोक करना न्यायसंगत नहीं है ।
विशेष :- इन श्लोकों में आत्मा की अन्य विशेषताओं को बताया गया है । ये श्लोक भी बहुत ही महत्वपूर्ण व प्रचलित हैं । इनमें श्रीकृष्ण बताते हैं कि आत्मा को कोई भी शस्त्र काट नहीं सकता, आग इसे जला नहीं सकती, जल इसे गीला नहीं कर सकता और वायु इसे सुखा नहीं सकता । यह तो नित्य, सर्वव्यापी, स्थिर, अचल व सनातन है ।
परीक्षा की दृष्टि से :- इन श्लोकों के विषय में भी परीक्षा में पूछा जा सकता है कि निम्न श्लोक किस अध्याय का कौनसा श्लोक है ? सभी विद्यार्थी इसके उत्तर के रूप में इनके अध्याय व इनकी श्लोक संख्या को याद करलें ।
अथ चैनं नित्यजातं नित्यं वा मन्यसे मृतम् ।
तथापि त्वं महाबाहो नैवं शोचितुमर्हसि ॥ 26 ।।
जातस्त हि ध्रुवो मृत्युर्ध्रुवं जन्म मृतस्य च ।
तस्मादपरिहार्येऽर्थे न त्वं शोचितुमर्हसि ॥ 27 ।।
व्याख्या :- यदि तुम ऐसा मानते भी हो कि यह आत्मा तो शरीर के साथ ही जन्म लेता है और शरीर के साथ ही मरता है । तो भी हे महाबाहो ! मरने वाले के लिए तो शोक करना व्यर्थ ही है क्योंकि जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु तो निश्चित है । अतः जब कोई स्थिति अथवा काम ऐसा होता है जिसे टाला अथवा बदला नहीं जा सकता तो उस निश्चित कार्य के लिए किसी भी प्रकार का शोक करना उचित नहीं है ।
Dr sahab nice explain about attma.
ॐ गुरुदेव!
बहुत सुंदर व्याख्या गुरुदेव।
Very useful sir