जरामरणमोक्षाय मामाश्रित्य यतन्ति ये । ते ब्रह्म तद्विदुः कृत्स्नमध्यात्मं कर्म चाखिलम् ।। 29 ।। व्याख्या :- जो भक्त मेरा आश्रय लेकर बुढ़ापे और मृत्यु से छूटकर मोक्ष पाने का प्रयत्न करते हैं, वह ब्रह्मा को, सम्पूर्ण अध्यात्म को और सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के कर्मों के रहस्यों को जान लेते हैं । साधिभूताधिदैवं …
- Home
- |
- Category: Bhagwad Geeta – 7