तस्यापि निरोधे सर्वनिरोधान्निर्बीज: समाधिः ।। 51 ।। शब्दार्थ :- तस्य, ( उसके ) अपि, ( भी ) निरोधे, ( रुकने से ) सर्व, ( सभी ) निरोधात्, ( चित्त वृत्तियों का भी निरोध हो जाने से अर्थात सभी चित्त वृत्तियों के रुक जाने से ) निर्बीज:, ( निर्बीज ) समाधि:, ( समाधि होती है …
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- Category: Samadhi Paad