तत: परमा वश्यतेन्द्रियाणाम् ।। 55 ।। शब्दार्थ :- तत: ( उसके बाद अर्थात प्रत्याहार की सिद्धि होने पर ) परमा ( परम अर्थात सबसे ऊँचा ) वश्यता ( वशीकरण अर्थात नियंत्रण ) इन्द्रियाणाम् ( इन्द्रियों पर आता है ।) सूत्रार्थ :- उस प्रत्याहार के सिद्ध होने से योगी साधक का इन्द्रियों पर पूरी तरह से …
- Home
- |
- Category: Sadhan Paad